वुमन हॉकी टीम की मिडफील्डर सुशीला चानू पुखरंबम का मानना है कि भारतीय महिला टीम की अगले साल ओलिंपिक मेडल अवश्य जीतेगी। चानू 2016 ओलिंपिक गेम्स में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि टीम के पास अगले साल मेडल जीतने के पूरे चांस है।
“अगला साल महत्वपूर्ण और चुनौती पूर्ण है। क्योंकि टीम को एक के बाद एक मैच खेलना होगा। हमें आराम के लिए कम समय मिलेगा। हालांकि हमें इसकी आदत हो चुकी है। हमारे पास इतिहास जीतने के मौका है। यह पहली बार है, जब वुमन टीम लगातार ओलिंपिक में भाग लेगी, लेकिन हम पोडियम तक पहुंचेंगे।”
महिला टीम तीसरी बार ओलिंपिक में खेलेगी
महिला टीम तीसरी बार ओलिंपिक में खेलेगी। सबसे पहले टीम ने 1980 ओलिंपिक में खेला था। 1980 में ही महिला हॉकी को ओलिंपिक में शामिल किया गया था। उसके बाद टीम को ओलिंपिक क्वालिफाई करने में 36साल लग गए। टीम ने 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। रियो में टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। टीम सबसे नीचे पायदान पर थी। यह पहला मौका है, जब महिला टीम लगातार ओलिंपिक में भाग लेगी।
सुशीला180 मैचों में कर चुकी हैं देश का प्रतिनिधित्व
सुशीला चानू ने अब तक 180 मैच में खेल चुकी है। यह वर्तमान टीम में अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है। उनका मानना है कि युवा खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव शेयर करना अच्छा लगता है।
युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन करना सीनियर की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा- यह ऐसा स्टेज होता है, जब आप युवा खिलाड़ियों की अपेक्षा ज्यादा मिनट खेल चुके होते हैं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी होती है,कि आप युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करें। मैं युवा खिलाड़ियों के मार्गदर्शन करने में खुशी महसूस करती हूं। युवा खिलाड़ी भी सीखने में दिलचस्पी दिखाती हैं। मुझे लगता है कि मैं मैदान के बाहर रहकर टीम को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर रही हूं।
ओलिंपिक गेम्स पर है फोकस
चानू ने कहा- अभी हमारा फोकस टोक्यो ओलिंपिक पर होना चाहिए। अन्य खेलों की खिलाड़ियों की तरह हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल ओलिंपिक गेम्स का आयोजन हो। हम इसके लिए पिछले चार सालों से मेहनत कर रहे हैं।
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