google-site-verification=f-4SH7lQDeEfduld7qeLL3RP7xNYO96R21jzCFZotg0 केरल (Kerala) की मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ी गई बकरीद की नमाज,

केरल (Kerala) की मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ी गई बकरीद की नमाज,

केरल (Kerala) में आज ईद उल अजाह (Eid Ul Adha) यानी की बकरीद (Bakreed) का त्योहार मनाया जा रहा है


तिरुवनन्तपुरम: केरल (Kerala) में आज ईद उल अजाह (Eid Ul Adha) यानी की बकरीद (Bakreed) का त्योहार मनाया जा रहा है. इसको लेकर गुरुवार को केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजय़न (Pinrai Vijyan) ने मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी थी. CM के आदेश के अनुसार केरल की मस्जिदों में बकरीद (Bakreed) की नमाज अदा की जा सकेगी लेकिन Covid-19 के दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा.

सिमित संख्या में लोग ही एक बार में नमाज पढ़ सकते हैं. जिसके बाद आज तिरुवनंतपुरम में मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग सोशल डिस्टेंगिस के साथ मस्जिद में नमाज अदा करते हुए दिखाई दिए.

कोरोना महामारी के चलते इस बार बकरीद का त्योहार पूरे विश्व में अलग तरीके से मनाया जा रहा है. बकरीद (Bakreed) इस साल देश के कई हिस्सों में आज मनाई जा रही है तो कई भागों में इसे कल यानी 1 अगस्त को मनाया जाएगा. इस्लामिंक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार 12वें महीने की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है. हालांकि, सउदी अरब में आज (31 जुलाई को) ही बकरीद मनाई जा रही है

. बकरीद, रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई जाती है. बता दें, बकरीद पर कुर्बानी दी जाती है और मीठी ईद के बाद यह इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार होता है.

बता दें कि इस्लाम में बकरीद का विशेष महत्व होता है. इस्लामिक धर्म की मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान किया था. तब खुदा ने उनके जज्बे को देखकर उनके बेटे को जीवन दान दिया था. इस पर्व को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है. इसके बाद अल्लाह के हुक्म के साथ इंसानों की जगह जानवरों की कुर्बानी देने का इस्लामिक कानून शुरू किया गया. 




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