मुंबई: बकरीद (Bakrid) से पहले कोरोना काल में मुंबई में बकरों की बिक्री ऑनलाइन हो रही है. शहर में बकरा मंडी (Goats Market) लगाने की इजाजत नहीं है. शहर में बकरे ऑनलाइन खरीदे जा रहे हैं. कोरोना वायर संक्रमण के कारण बकरा मंडी डिजिटल हो गई है. कुछ लोगों को यह कदम सही लग रहा है जबकि कुछ लोग इससे ख़फ़ा हैं. सवाल यह है कि जिनको डिजिटल दुनिया का ज्ञान ही नहीं है वे क्या करें?
कोरोना के कारण त्योहारों का रंग फीका है और अब आने वाली बकरा ईद के लिए खरीदे जाने वाले बकरे भी ऑनलाइन बिक रहे हैं क्योंकि बकरा मंडी लगाने की इजाज़त नहीं है. पर जिन्हें डिजिटल दुनिया का ज्ञान नहीं है वे सरकारी गाइडलाइन से ज़रा निराश हैं.
बकरों का बाज़ार ऑनलाइन सजा है. देश की आर्थिक राजधानी में भी अब बकरों की बिक्री ऑनलाइन हो रही है. लोग वेबसाइट, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के ज़रिए बकरे ख़रीद रहे हैं. बकरा ईद के खास त्योहार पर कुर्बानी देने के लिए बकरों की खरीदारी करने के लिए हर राज्य के प्रत्येक शहर में जगह निर्धारित कर दी जाती है ताकि लोगों की भीड़ एकत्रित न हो सके. लेकिन इस बार स्थानीय प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के कारण बकरा मंडी लगाने की इजाजत नहीं दी है. इसलिए व्यापारियों ने ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है.
एक व्यापारी ने कहा कि हम लोगों से ऑनलाइन ख़रीदने की अपील कर रहे हैं. दूसरे ने कहा कि, ये तो पेट पर लात है. छोटे मोटे व्यापारी क्या करेंगे. हमारा धंधा पहले से चौपट है, यही समय होता है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बकरों की खरीद फरोख्त हो तो रही है, पर जिन्हें डिजिटल दुनिया का ज्ञान नहीं वो क्या करें? एक व्यक्ति ने कहा कि हमको सोशल मीडिया समझ नहीं आता. दूसरे ने कहा, ऑनलाइन कैसे पता चलेगा कि लंगड़ा है या क्या है, इतना खर्च करके ठीक नहीं आया तो?
शिकायतें तो होंगी ही, लेकिन हालात, सरकार-प्रशासन को सिर्फ डिजिटल माध्यम का ही विकल्प दिखा रहे हैं. कुछ ढल रहे हैं, कुछ आवाज़ उठा रहे हैं. जानलेवा वायरस इस सबसे बेख़बर पांव तेज़ी से पसार रहा है.
कोरोना के कारण त्योहारों का रंग फीका है और अब आने वाली बकरा ईद के लिए खरीदे जाने वाले बकरे भी ऑनलाइन बिक रहे हैं क्योंकि बकरा मंडी लगाने की इजाज़त नहीं है. पर जिन्हें डिजिटल दुनिया का ज्ञान नहीं है वे सरकारी गाइडलाइन से ज़रा निराश हैं.
बकरों का बाज़ार ऑनलाइन सजा है. देश की आर्थिक राजधानी में भी अब बकरों की बिक्री ऑनलाइन हो रही है. लोग वेबसाइट, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के ज़रिए बकरे ख़रीद रहे हैं. बकरा ईद के खास त्योहार पर कुर्बानी देने के लिए बकरों की खरीदारी करने के लिए हर राज्य के प्रत्येक शहर में जगह निर्धारित कर दी जाती है ताकि लोगों की भीड़ एकत्रित न हो सके. लेकिन इस बार स्थानीय प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के कारण बकरा मंडी लगाने की इजाजत नहीं दी है. इसलिए व्यापारियों ने ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है.
एक व्यापारी ने कहा कि हम लोगों से ऑनलाइन ख़रीदने की अपील कर रहे हैं. दूसरे ने कहा कि, ये तो पेट पर लात है. छोटे मोटे व्यापारी क्या करेंगे. हमारा धंधा पहले से चौपट है, यही समय होता है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बकरों की खरीद फरोख्त हो तो रही है, पर जिन्हें डिजिटल दुनिया का ज्ञान नहीं वो क्या करें? एक व्यक्ति ने कहा कि हमको सोशल मीडिया समझ नहीं आता. दूसरे ने कहा, ऑनलाइन कैसे पता चलेगा कि लंगड़ा है या क्या है, इतना खर्च करके ठीक नहीं आया तो?
शिकायतें तो होंगी ही, लेकिन हालात, सरकार-प्रशासन को सिर्फ डिजिटल माध्यम का ही विकल्प दिखा रहे हैं. कुछ ढल रहे हैं, कुछ आवाज़ उठा रहे हैं. जानलेवा वायरस इस सबसे बेख़बर पांव तेज़ी से पसार रहा है.
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