भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया। जीत के लिए 407 रन का पीछा कर रहे भारत ने पांचवें दिन दो विकेट के नुकसान पर 96 रन से आगे पारी शुरू की। रहाणे जल्दी आउट हो गए। लेकिन, उसके बाद पुजारा और पंत ने 148 रन की साझेदारी करके स्कोर 250 पहुंचाया। इसी स्कोर पर पंत 97 रन बनाकर आउट हो गए। 272 के स्कोर पर पुजारा के आउट होते ही लगा भारत के लिए अब मैच बचाना मुश्किल होगा। लेकिन, इसके बाद हनुमा विहारी और आर अश्विन ने 256 गेंद पर 62 रन की साझेदारी करके मैच बचा लिया।
अपनी पारी के दौरान विहारी हैम-स्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे। वहीं, अश्विन ने भी ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों की कई गेंदें शरीर पर झेलीं। पहली पारी में बैटिंग के दौरान चोटिल हुए ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में विकेट कीपिंग नहीं कर सके। लेकिन चोट के बावजूद आज उन्होंने अपनी बैटिंग से एक समय ऑस्ट्रेलिया को हार की ओर धकेल दिया था।
रहाणे की कप्तानी कितनी कारगर?
कप्तान के तौर पर ये रहाणे का चौथा मैच था। इससे पहले के तीनों मैच वो जीते थे। पहली बार उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने मैच ड्रॉ कराया। टीम में उन्होंने लड़ने का जज्बा पैदा किया है। मैच के बाद रहाणे ने कहा कि दिन शुरू होने से पहले ही हमने अंत तक लड़ने का फैसला किया था, नतीजा भले ही कुछ भी हो। हमारे खिलाड़ियों ने ये जज्बा दिखाया भी।
पंत को पांच नंबर पर भेजकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को चौंका दिया। वहीं, पंत की पारी से टीम को जीत की उम्मीद तक दिखाई देने लगी। एक दिन पहले तक जो एक्सपर्ट कह रहे थे कि ये मैच या तो भारत हारेगा या ड्रॉ होगा। उन्हें भी कुछ अलग होता दिखा।
रहाणे ने इससे पहले दूसरे टेस्ट में भी शानदार कप्तानी की थी। उस टेस्ट के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि जिस भी व्यक्ति ने उन्हें 2017 के धर्मशाला टेस्ट में कप्तानी करते देखा होगा, वह यह समझ गया होगा कि रहाणे का जन्म ही क्रिकेट टीम की कप्तानी के लिए हुआ है।
सिराज और बुमराह के साथ की गई नस्लवादी टिप्पणी ने भी टीम में लड़ने का जज्बा डाला। चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने कहा भी था कि सिडनी में दर्शकों का इस तरह का व्यवहार नया नहीं है। हमें सिडनी में पहले भी इस तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। मैदान के अंदर पहले ही खिलाड़ियों की चोट से जूझ रही टीम को मैदान के बाहर हुई इस घटना ने अपना जज्बा दिखाने के लिए एकजुट किया।
क्या अब पंत की कीपिंग पर सवाल नहीं उठेंगे?
आज जिस तरह से पंत ने बल्लेबाजी की है, उसी वजह से टीम मैनेजमेंट विदेश दौरों में उन्हें ऋद्धिमान साहा पर वरीयता देता है। पंत अपनी बल्लेबाजी से मैच का रुख पलट सकते हैं। आज उन्होंने ये दिखाया भी। लेकिन, उनकी कीपिंग पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। इसमें सुधार नहीं हुआ तो आगे भी उठेंगे।
पंत को पांच नंबर पर उतारे जाने के फैसले को सुनील गावस्कर ने मास्टर स्ट्रोक बताया। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ऐसा हो सकता है कि टीम इंडिया उन्हें सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर पांच नंबर पर उतारे।
विहारी की पारी कितनी स्लो थी?
विहारी ने 161 गेंद पर 23 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 14.28 का रहा। पारी में सौ या उससे ज्यादा गेंद खेलने के बाद स्ट्राइक रेट के लिहाज से ये किसी भारतीय की पांचवीं सबसे धीमी पारी थी। इस लिस्ट में यशपाल शर्मा टॉप पर हैं। शर्मा ने 1981 में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ एडिलेड में 157 गेंद खेलकर 13 रन बनाए थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो ये रिकॉर्ड इंग्लैंड के जॉन मरे के नाम है। उन्होंने 1963 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 100 गेंद खेलने के बाद महज 3 रन बनाए थे। वहीं, न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज जेफ एलट 2011 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 101 गेंद खेलने के बाद खाता भी नहीं खोल सके थे।
भारतीय बल्लेबाजों की सबसे धीमी पारियां
गेंद |
रन |
स्ट्राइक रेट |
|
यशपाल शर्मा |
157 |
13 |
8.28 |
एमएल जयसिम्हा |
102 |
13 |
12.74 |
राहुल द्रविड़ |
109 |
14 |
12.84 |
राहुल द्रविड़ |
114 |
16 |
14.03 |
हनुमा विहारी |
161 |
23* |
14.28 |
पुजारा की पारी के क्या मायने?
पुजारा के खेलने का तरीका यही है। आज की उनकी पारी की तारीफ हो रही है। वहीं, पहली इनिंग में इसी तरह की बल्लेबाजी पर उनकी आलोचना हो रही थी। सुनील गावस्कर ने सोनी टेन से कहा कि भारत में टोपी घुमाने का चलन है। ये चलता रहेगा, लेकिन पुजारा का जो खेल है, वो ऐसा ही है। यही उनकी खासियत है। टेस्ट में इस तरह के बल्लेबाज अब कम हैं, लेकिन मुश्किल हालात में ऐसा खेलने वालों की बहुत जरूरत होती है।
जडेजा के इंजर्ड होने के बाद क्या अश्विन उनका रोल निभा सकते हैं?
जडेजा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के साथ ही भारत में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैच से भी बाहर हो सकते हैं। ऐसे में अश्विन का बल्ले से बेहतर परफॉर्मेंस भारत के लिए बोनस हो सकता है। अश्विन ऐसा कर भी चुके हैं। 2016 के दौर में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भारत को कई मैच में जीत दिलाने में अहम रोल प्ले किया था।
इस मैच से भारत को क्या मिला?
- इस ड्रॉ के साथ भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में 10 प्वाइंट मिले। 12 मैच के बाद भारत के 400 प्वाइंट हो गए हैं। वो रैंकिंग में अभी भी दूसरे नंबर पर बना हुआ।
-
इस मैच के बाद भारतीय टीम में ये भरोसा आया है कि वो चौथा टेस्ट जीत सकते हैं। विराट कोहली के बिना भी टीम इंडिया ने लड़ने का जज्बा दिखाया है।
-
पंत एक बल्लेबाज के रूप में मैच का रुख किसी भी समय पलट सकते हैं। इस मैच में उन्होंने एक बार फिर ये साबित किया है। पुजारा इस दौर में टीम इंडिया के सबसे बड़े फाइटर बनकर उभरे हैं।
-
अश्विन एक बार फिर से अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को सपोर्ट कर सकते हैं। शुभमन गिल के रूप में एक बेहतर टेक्नीक वाला ओपनर भी इस मैच में मिला है। रोहित शर्मा को टीम इंडिया आगे भी ओपनर के रूप में इस्तेमाल करेगी।
-
41 साल साल बाद भारत ने चौथी इनिंग में इतने ज्यादा ओवर खेलकर मैच ड्रॉ कराया। इस मैच में टीम इंडिया ने 131 ओवर बैटिंग की और पांच विकेट पर 334 रन बनाए। 1979 में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में 438 रन के टारगेट का पीछा करते हुए चौथी इनिंग में आठ विकेट पर 429 रन बनाए और मैच ड्रा करा लिया। इस मैच में टीम ने 150.5 ओवर बैटिंग की। पुजारा, पंत, विहारी और अश्विन ने 100 से ज्यादा गेंदें खेली।
40 साल बाद टीम इंडिया ने चौथी पारी में सबसे ज्यादा ओवर खेले
ओवर |
खिलाफ |
ग्राउंड |
साल |
150.5 |
इंग्लैंड |
ओवल |
1979 |
136.0 |
वेस्ट इंडीज |
कोलकाता |
1948-49 |
132.0 |
वेस्ट इंडीज |
मुंबई |
1958-59 |
131.0 |
पाकिस्तान |
दिल्ली |
1979-80 |
131.0 |
ऑस्ट्रेलिया |
सिडनी |
2020-21 |
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