दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में दिवंगत अरुण जेटली की प्रतिमा का अनावरण किया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री जेटली की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जब वे संकट में पड़े तो बड़े भाई की तरह उबारा। बता दें कि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रहे जेटली 1999 से 2013 तक DDCA के अध्यक्ष रहे। उनके बाद रजत शर्मा DDCA प्रेसिडेंट बने। उन्होंने इस्तीफा दिया तो जेटली के बेटे रोहन को बिना विरोध अध्यक्ष चुना गया।
'जेटली जी हर सवाल का सटीक जवाब देते थे'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, 'जेटली जी मोदी के अनन्य साथी रहे। जेटली जी तर्कों के साथ संसद में बात रखते थे। भारत की आर्थिक गति तेज करने का काम उन्होंने किया। सालों तक संसद में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया। लोगों को साथ लेकर चले। जेटली जी बहुत तार्किक नेता थे। हर सवाल का सटीक जवाब देते थे।'
'पर्दे के पीछे रहकर IPL का मजबूत ढांचा बनाया'
अमित शाह ने कहा, 'जेटली जी ने पर्दे के पीछे रहकर IPL का मजबूत ढांचा बनाया। एक समय था जब बच्चा क्रिकेट खेलने जाता था तो माता-पिता कहते थे कि पढ़ाई कौन करेगा। आज बच्चे क्रिकेट को करियर बना रहे हैं। वे मुझसे उम्र में बड़े थे, जब मैं संकट में पड़ा तो बड़े भाई की तरह मुझे उबारा। लोग क्या कहेंगे, इस बात को छोड़कर मेरी मदद की।'
शाह ने कहा, 'क्रिकेट में दो तरह का योगदान होता है। एक- जो खेलकर देश को सम्मान दिलाते हैं। दूसरे वे जो खेलने के लिए माहौल बनाते हैं। जेटली जी ने खेल के लिए माहौल बनाया।'
जेटली की मूर्ति को लेकर हुआ था विवाद
बता दें कि कुछ दिन पहले अरुण जेटली की मूर्ति लगाए जाने से नाराज पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) छोड़ दी थी। बेदी का कहना था कि जेटली चापलूसों से घिरे रहते थे। वे काबिल नेता जरूर थे, लेकिन एक गूगल सर्च से पता चल जाएगा कि जेटली के वक्त DDCA में कितना करप्शन हुआ। नाकामियों को भुलाया जाता है, इस तरह प्रतिमा लगाकर नाकामियों का जश्न नहीं मनाया जाता।
बेदी बोले- स्टेडियम का नाम बदला तो लगा कि कुछ अच्छा होगा
जेटली का पिछले साल 24 अगस्त को निधन हो गया था। इसके बाद 12 सितंबर 2019 को फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया था। इस बारे में बेदी ने रोहन जेटली को लिखी चिट्ठी में कहा, 'जब जल्दबाजी में कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम किया गया, तब उम्मीद थी कि कुछ अच्छा होगा, लेकिन मैं गलत था। अब सुन रहा हूं कि वहां उनकी एक प्रतिमा लगाई जाएगी। मैं इससे बिल्कुल राजी नहीं हूं।'
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