google-site-verification=f-4SH7lQDeEfduld7qeLL3RP7xNYO96R21jzCFZotg0 मदर इंडिया से लेकर पीपली लाइव तक, किसानों के आत्महत्या और कर्ज में ढूबने की स्थिति दर्शाती हैं ये बॉलीवुड फिल्में

मदर इंडिया से लेकर पीपली लाइव तक, किसानों के आत्महत्या और कर्ज में ढूबने की स्थिति दर्शाती हैं ये बॉलीवुड फिल्में

किसान बिल सामने आने के बाद से ही देश भर के किसान प्रोटेस्ट करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। दिल्ली में बिल में सुधार करने की मांग करते हुए कई पंजाबी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले भी कई बार महंगाई बढ़ने और लगातार नुकसान होने के चलते देश के किसान सड़कों पर उतर आए थे। बॉलीवुड इंडस्ट्री भी कई बार फिल्मों के माध्यम से किसानों की बुरी स्थिति दर्शाने में कामयाब रही है। आइए देखते हैं वो कौन सी फिल्में हैं-

मदर इंडिया- महबूब खान के निर्देशन में बनी मदर इंडिया फिल्म साल 1957 में रिलीज हुई थी। फिल्म में नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, राज कुमार ने लीड रोल निभाया था। ये फिल्म साल 1940 में आई फिल्म औरत का रीमेक थी। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह पति की नामौजूदगी में मां बंजर जमीन में खेती कर अपने दो बच्चों की परवरिश करती है। इस दौरान नरगिस को खेती करने के लिए साहूकारों को ब्याज पर पैसे लेने पड़ते हैं जिन्हें चुकाने में उसका सबकुछ चला जाता है।

दो बीघा जमीन- साल 1953 में रिलीज हुई फिल्म दो बीघा जमीन को बिमल रॉय ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में बलराज साहनी और निरूपा रॉय लीड किरदारों में थे। फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह एक किसान अपना कर्ज चुकाने के लिए रिक्शाचालक बन जाता है और परिस्थितियों से लड़ते हुए अपनी जमीन बचा लेता है। ये पहली फिल्म थी जिसे फिल्म फेयर बेस्ट मूवी का अवॉर्ड मिला था।

किसान- साल 2009 में रिलीज हुई मल्टीस्टारर फिल्म में जैकी श्रॉफ, सोहेल खान, दिया मिर्जा और अरबाज खान ने लीड रोल निभाया था। फिल्म का निर्देशन पुनीत सिरा ने किया था। इस फिल्म को किसानों की आत्महत्या के विषय पर बनाया गया है। जहां एक भाई शहर जाकर सुविधा में रहता है तो वहीं दूसरा छोटा भाई पिता जैकी श्रॉफ के साथ जमीन बचाने और खेती करने के लिए गांव में ही रहता है।

पीपली लाइव- 83वें अकेडमी अवॉर्ड की बेस्ट फॉरेन फिल्म केटेगरी में जगह बनाने वाली फिल्म पीपली लाइव ने दर्शकों की खूब सराहना लूटी थी। फिल्म में ओमकार दास मानिकपुरी, नसीरुद्दीन शाह, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, रघुबीर यादव, शालिनी वत्स और मलाइका शिनॉय ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह किसान के हालात को मीडिया टीआरपी और नेता अपने पॉलिटिकल फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। कहानी नत्था नाम के एक गरीब किसान पर बेस्ड है जो जमीन खो देने के बाद परिवार को पालने में असफल हो जाता है और आत्महत्या करने की ठान लेता है। ये फिल्म अनुषा रिजवी की डायरेक्टोरियल डेब्यू थी।

लगान- साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म लगान अकेडमी अवॉर्ड की बेस्ट फॉरेन फिल्म केटेगरी में पहुंचने वाली तीसरी बॉलीवुड फिल्म थी। आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में आमिर खान, ग्रेसी सिंह, रेचल शैली और पॉल ब्लैकथोर्न अहम किरदारों में थे। फिल्म को किसानों की जमीन के टैक्स के मुद्दे पर बनाया गया है। अंग्रेजों द्वारा किसानों की जमीन का दोगुना लगाना वसूला जाने लगता है जिसके विरोध में आमिर खान गरीब किसानों की आवाज बनते हैं। लगान माफ करवाने के लिए आमिर अंग्रेजों का चैलेंज स्वीकार कर उनसे क्रिकेट का मुकाबला करते हैं।



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Kisan andolan: From Mother India to Peepli Live, these Bollywood films show the state of farmers' suicides and debt


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