google-site-verification=f-4SH7lQDeEfduld7qeLL3RP7xNYO96R21jzCFZotg0 रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने हाई कोर्ट में कहा- सेना में जेंडर के आधार पर मेरे साथ भेदभाव नहीं हुआ

रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने हाई कोर्ट में कहा- सेना में जेंडर के आधार पर मेरे साथ भेदभाव नहीं हुआ

जाह्नवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे केस में मेकर्स की मुश्किल बढ़ गई है। धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म पर एयरफोर्स की गलत छवि दिखाने का आरोप है। अब रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ( जिनकी जिंदगी पर बेस्ड फिल्म है) ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है और कहा है कि एयरफोर्स में जेंडर के आधार पर उन्हें किसी तरह के भेदभाव का शिकार नहीं होना पड़ा था।

'भारतीय वायुसेना ने मुझे सेवा का मौका दिया'

हाई कोर्ट में जस्टिस राजीव शकधर की सिंगल बैंच के सामने वकील आदित्य दीवान द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में गुंजन ने लिखा है कि वे इस बात में यकीन रखती हैं कि भारतीय वायुसेना बहुत ही प्रगतिशील संस्थान है। वे हमेशा इस बात के लिए आभारी रहेंगी कि उन्हें आईएएफ द्वारा देश की सेवा करने का मौका दिया गया।

हलफनामे में गुंजन ने और क्या लिखा?

गुंजन के हलफनामे के मुताबिक, फिल्म डॉक्युमेंट्री नहीं है, बल्कि उनकी जिंदगी से प्रेरित है। वे यह दावा नहीं करतीं कि फिल्म में दिखाई गई हर घटना उनकी जिंदगी में असल में घटी है। एफिडेविट में कहा गया है कि फिल्म गुंजन सक्सेना की जिंदगी का ड्रामेटिक रिप्रेजेंटेशन है।

गुंजन का मानना ​​है कि फिल्म के जरिए ऐसा मैसेज देने की मांग की गई है, जो यंग वीमेन को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करे। फिल्म का लक्ष्य महिलाओं को उनके सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करना है, न कि खुद पर और अपने लक्ष्यों के लिए की गई कड़ी मेहनत पर संदेह करना है।

हाई कोर्ट ने मुद्दे को हल करने की सलाह दी

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हुई इस सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने भारतीय वायुसेना और फिल्म 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' के वकीलों को कहा कि वे साथ बैठकर फिल्म में दिखाए गए कंटेंट से संबंधित मुद्दे को हल करने की कोशिश करें।" इसके साथ ही कोर्ट ने इसकी थिएटर रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अगली सुनवाई 18 जनवरी 2021 को होगी।

केंद्र सरकार ने लगाई थी याचिका

फिल्म के खिलाफ केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि फिल्म भारतीय वायुसेना की छवि को धूमिल करती है। इसमें दिखाया गया है कि सेना में जेंडर के आधार पर भेदभाव होता है, जो कि सही नहीं है। फिल्म 12 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। केंद्र सरकार की ओर से इस फिल्म को थिएटर में रिलीज करने से रोकने की मांग की गई थी।



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12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' में दिखाया गया है कि भारतीय वायुसेना में गुंजन के साथ जेंडर के आधार पर भेदभाव किया गया था।


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