google-site-verification=f-4SH7lQDeEfduld7qeLL3RP7xNYO96R21jzCFZotg0 पंकज त्रिपाठी ने बताया- ऑफिसों में धक्के खाए, बाहर इतंजार किया और गुहार लगाई कि मैं एक्टर हूं, मुझे काम दे दो

पंकज त्रिपाठी ने बताया- ऑफिसों में धक्के खाए, बाहर इतंजार किया और गुहार लगाई कि मैं एक्टर हूं, मुझे काम दे दो

'मिर्जापुर 2' में अखंडानंद त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया का रोल कर रहे पंकज त्रिपाठी की मानें तो उनका करियर पिछले कुछ सालों में बदला है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "शुरुआत में मुझे काम ढूंढना पड़ता था। अब काम मुझे ढूंढता है। पहले मैं इस ऑफिस से उस ऑफिस धक्के खाता था। ऑफिस के बाहर इंतजार करता था और कहता था कि मैं एक्टर हूं, मुझे काम दे दीजिए। अब जो फिल्म 2021 के सेकंड हाफ में बनेगी, उसकी स्क्रिप्ट भी मुझे आज मिल गई है।"

'शुरुआत में बहुत मुश्किल होती थी'

पंकज त्रिपाठी के मुताबिक, करियर के शुरुआती दौर में उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पंकज ने कहा, "यहां तक कि सिर्फ यह जानने के लिए कि किसी फिल्म की शूटिंग कहां चल रही है, मैं वहां जाता था और मुझे कह दिया जाता था कि फिल्म की यूनिट शूटिंग करके चली गई है।"

'अब डेट न होने के चलते इनकार करना पड़ता है'

पंकज कहते हैं कि उनके स्ट्रगल के दौरान न तो सोशल मीडिया था और न ही कास्टिंग डायरेक्टर का कॉन्सेप्ट ही मौजूद था। बकौल पंकज, "जाहिर तौर पर सब बदल गया है। पहले काम ढूंढना पड़ता था, अब डेट की वजह से फिल्म करने से इनकार करना पड़ता है।"

क्या फिल्ममेकर का ईगो हर्ट नहीं होता?

जब पंकज से पूछा गया कि क्या फिल्ममेकर को इस तरह से इनकार करने से उनके ईगो को ठेस नहीं पहुंचती? जवाब में उन्होंने कहा, "सामने वाले को सही कारण पता होना चाहिए।"

"मेरे पास कई मैसेज और फिल्म प्रपोजल आते हैं, जिनका मैं जवाब देने में मैं सक्षम नहीं हूं। मैं कम से कम उन्हें इतना जरूर बता देता हूं कि मैं यह प्रोजेक्ट नहीं कर सकता। और अगर जवाब ईमानदारी से दिया गया हो तो सामने वाले के ईगो को कोई ठेस नहीं पहुंचती। बिना एक्साइटमेंट के मैं एक्टिंग नहीं कर सकता।"

गोपालगंज बिहार के रहने वाले हैं पंकज

पंकज त्रिपाठी गोपालगंज, बिहार के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम पंडित बनारस त्रिपाठी और मां का नाम हिमवंती देवी है। चार भाई-बहनों में वे सबसे छोटे हैं। पंकज ने 2004 में फिल्म 'रन' में छोटा सा रोल कर बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि, उन्हें पहचान 2012 में फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पंकज त्रिपाठी 'गैग्स ऑफ वासेपुर', 'दिलवाले', 'ओमकारा', 'स्त्री', 'न्यूटन' और 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TiHyVA
via Sources Link

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ