रिया चक्रवर्ती की मां संध्या चक्रवर्ती की मानें तो अपने बेटे और बेटी की गिरफ्तारी के बाद उनके मन में खुदकुशी के ख्याल आने लगे थे। संध्या ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा, "एक वक्त पर मन में ख्याल आने लगा था कि इन सभी चीजों पर विराम लगाने का एकमात्र तरीका खुद की जिंदगी को खत्म करना है।" रिया करीब 28 दिन जेल में रहने के बाद 7 अक्टूबर को जमानत पर रिहा हुई हैं। लेकिन उनके भाई शोविक जमानत न मिल पाने की वजह से अभी भी जेल में ही बंद हैं।
डर कर आधी रात को जाग जाती थीं संध्या
संध्या चक्रवर्ती के मुताबिक, अपने बच्चों की गिरफ्तारी के बाद कई रातें उन्होंने बिना सोए ही बिताई हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत उन्होंने कहा, "जब मेरे बच्चे जेल में इतना सब सहन कर रहे हों तो मैं बिस्तर पर नहीं सो सकती। मैं कुछ खा नहीं सकती। मैं आधी रात को जाग जाती थी और यह सोचकर डर से भर जाती थी कि आगे क्या और बुरा होने वाला है।"
सितंबर में हुई थी रिया-शोविक की गिरफ्तारी
रिया चक्रवर्ती को 8 सितंबर और उनके भाई शोविक को 4 सितंबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने सेक्शन 27ए के तहत गिरफ्तार किया था। रिया ने एनसीबी की पूछताछ में कहा था कि वे ड्रग्स सुशांत के लिए खरीद रही थीं। वहीं, शोविक ने माना था कि वे रिया के इशारे पर ड्रग्स खरीदते थे। एनसीबी ने दोनों के लिए 20 साल की सजा की मांग की थी।
कोर्ट ने 27ए की व्याख्या को गलत बताया था
7 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "हम बचाव पक्ष के तर्क से सहमत हैं। सेक्शन 27ए की जो व्याख्या एनसीबी ने की है, वो जायज नहीं है। इसकी व्याख्या इस तरह नहीं होनी चाहिए, जैसे एनसीबी ने की है। हम एनसीबी के उस तर्क से सहमत नहीं हैं कि ड्रग्स सेवन के लिए दूसरों को पैसे देने से उस शख्स की नशे की लत को बढ़ावा मिलता है। यहां 'वित्तपोषण' वाली बात नहीं ठहरती।"
एनसीबी ने रिया पर ये आरोप भी लगाया था कि उन्होंने अपने पैसों का इस्तेमाल ड्रग का इंतजाम करने के लिए किया। साथ ही इस काम में अपने भाई शोविक और सुशांत के कर्मचारियों की मदद भी ली। कोर्ट के मुताबिक, यह भी सेक्शन 27 ए के दायरे में नहीं आता है। हालांकि, कोर्ट ने यह जरूर माना है कि शोविक लेन-देन में लिप्त था।
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