अपकमिंग फिल्म 'लक्ष्मी बॉम्ब' का सॉन्ग बुर्ज खलीफा इन दिनों ट्रेंड में हैं। अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी पर फिल्माए गए इस गाने को चार दिन के अंदर 38 मिलियन (3.8 करोड़) से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं। इस गाने में डीजे खुशी और शशि सुमन ने आवाज दी है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में डीजे खुशी ने अपने संघर्ष के बारे में बताया। उनकी मानें तो वे बिजनेस मैनेजमेंट में करियर बनाने अमेरिका जाने वाले थे। लेकिन तभी 9/11 का आतंकी हमला हुआ और उनका वीजा रिजेक्ट हो गया। इसके चलते वे डिप्रेशन में चले गए थे। डीजे खुशी ने जो बताया, पढ़िए उन्हीं की जुबानी...
'डिप्रेशन से उबरने के लिए पार्टी शुरू की'
इस फील्ड में आने से पहले अमेरिका जाकर इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट में पढ़ाई का मन था। यह मेरा ड्रीम था। कॉलेज में एडमिशन भी हो गया था। लेकिन 9/11 का हमला हुआ और वीजा रिजेक्ट कर दिया गया। मैं डिप्रेशन में आ गया। उससे उबरने के लिए पार्टी करनी शुरू कर दी।
लेट नाइट आने लगा तो घर पर मार पड़ने लगी। वह सिलसिला खत्म करने के लिए डीजे बनने की जुगत लगाई। ताकि घर वालों को लगे कि कुछ काम तो कर रहा है। इसके साथ ही काम के बहाने मुझे पार्टी करने का मौका मिल जाएगा।
20 घंटे का कोर्स किया। हालांकि उतने में काम होता नहीं है। उसमें तो बस इतना बता दिया जाता है कि कौन-सा इक्विपमेंट यूज करना है। आगे का काम आप खुद मेहनत से सीखते हैं।
'पहचान बनाने के लिए फिल्मों का रुख किया'
जब डीजे में आया तो पता चला कि यह बड़ा सीरियस काम है। लोगों को समझ में नहीं आता था कि यह कौन सा प्रोफेशन है। पहचान बनाने के लिए फिल्मों का रूख किया। पहला काम शाहरुख खान के साथ फिल्म 'रा-वन' के गाने 'छम्मक छल्लो' में किया। इस गाने की रीमिक्स के लिए शाहरुख खान ने ढेर सारे डीजे से धुन मंगवाई थी।
मेरे पास यह काम करीम मोरानी के जरिए आया। मैंने धुन बनाई, जो शाहरुख को बहुत अच्छी लगी। उन्हें अच्छा लगा कि इस गाने के सिंगर एकॉन इंटरनेशनल थे। लेकिन मेरी बीट ने इसे देसी बना दिया था।
इसके बाद मैंने 'देसी बॉयज', 'चिट्टियां कलाइयां', 'चिकनी चमेली' गानों की भी रीमिक्स किया। यहां तक कि एआर रहमान के लिए 'होसाना' गाने को भी रीमिक्स किया। रहमान के गानों की रीमिक्स करने वाला मैं पहला शख्स था।
'आखिर रीमिक्स 'ऐ दिल है मुश्किल' के लिए किया'
आखिरी बार मैंने 'ऐ दिल है मुश्किल' के लिए रीमिक्स किया। उसके बाद तय कर लिया कि अब रीमिक्स नहीं करना है। यही वो मोड़ था, जब मुझे मेरे पार्टनर शशि सुमन मिले। साथ में काम शुरू किया। पिछले साल हमने एक सिंगल लॉन्च किया। फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' में तीन गाने कंपोज किए। फिर एक और सिंगल ‘सून’ निकाला। अब ओरिजिनल गाना 'बुर्ज खलीफा' कंपोज होकर आया है।
'बुर्ज खलीफा को सिंगर के तौर पर लाने वाले थे'
'बुर्ज खलीफा' को भी हम पहले सिंगल के तौर पर लाने वाले थे। लेकिन महसूस हुआ कि यह बड़ा गाना है। इसे बड़े स्टार के साथ ही करना सही रहेगा। फिर लंबी भागदौड़ और अथक प्रयासों के बाद हमें अक्षय कुमार जी का वक्त मिला। उन्हें गाना पसंद आया। उन्होंने इसे रख लिया। यह तब की बात है, जब वो बी-प्राक के साथ 'फिलहाल' कर रहे थे। तब अक्षय जी ने यह नहीं बताया था कि वो इस गीत को किस फिल्म में यूज करेंगे।
खुशी की बात है कि गाना बाकायदा बुर्ज खलीफा पर ही शूट हुआ। मौजूदा हालात नहीं होते तो दुबई-2020 एक्सपो होता। हम अपने गीत का प्रमोशन भी वहीं करते। इस गाने का आइडिया भी तब वहीं से आया था, जब हम शो के लिए वहां जाया करते थे।
'बुर्ज खलीफा से नई इनिंग की शुरुआत हुई'
'बुर्ज खलीफा' से मेरी नई इनिंग की शुरूआत हुई है। वरना अब तक तो लोगों ने मुझे रीमिक्स करने वाले सिंगर्स की कैटेगरी में ही डाल रखा था। मैं अब शशि सुमन के साथ ओरिजिनल कंपोजर के तौर पर पहचान बनाने की ओर कदम बढ़ा चुका हूं। आगे ओरिजिनल गाने ही कंपोज करता रहूंगा।
रीमिक्स और रीक्रिएशन एक-दूसरे से अलग हैं। रीमिक्स में केवल बीट बदलती है। री-क्रिएटेड गानों में मैलोडी, ट्यून और प्रेजेंटेशन भी बदल जाता है। मेरा मानना है कि रीक्रिएशन में अच्छे गाने कम ही बने हैं। ज्यादातर ने ओरिजिनल गानों के साथ न्याय नहीं किया है। मैं उन्हीं गानों का रीक्रिएशन करूंगा, जहां न्याय कर सकूं। अन्यथा नहीं करूंगा।
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