(दुबई से भास्कर के लिए, चंद्रेश नारायणन) हम सब जानते हैं कि क्रिकेट खिलाड़ी आजकल ‘बायोबबल’ मेें रह रहे हैं। आईपीएल के हर फ्रेंचाइजी के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कोविड संक्रमण से बचने के लिए उठाए गए कदमों से इसका पता चलता है। खिलाड़ी, उनके सहायक कर्मचारी, इवेंट मैनेजर्स, स्टेडियम ऑफिसर्स, बीसीसीआई का स्टाफ और अमीरात क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी अलग-अलग जोनों में रह रहे हैं। यहां तक कि वे एक-दूसरे के जोन में प्रवेश भी नहीं कर सकते। इन्हीं जोनों को बायोबबल कहा जा रहा है। भारत में आईपीएल के दौरान फ्रेंचाइजी लंबे-चाैड़े लाव-लश्कर के साथ एक स्टेडियम से दूसरे स्टेडियम तक आते-जाते दिखते रहे हैं। लेकिन, आज हालत ये हैं कि दुबई में किसी भी फ्रेंचाइजी के ड्रेसिंग रूम में 35 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी पर रोक लग गई है। इन 35 में 17 तो खिलाड़ी हैं, 12 सपोर्ट स्टाफ, 4 लॉजिस्टिक टीम से और 2 सुरक्षा अधिकारी हैं। मैच के दिन खिलाड़ी और सपोर्ट स्टॉफ जहां ठहरते हैं, उसे जोन-1 कहा जाता है। मैच ऑफिशियल व एंटी करप्शन ऑफिशियल के अलावा इस जोन में किसी और के प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। पिछले सालों की तुलना में इस साल इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ व्यक्ति, स्टेडियम का कर्मचारी, कैटरिंग का स्टाफ यहां तक कि ड्रेसिंग रूम के अटेंडेंट को भी मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम के आसपास फटकने की इजाजत नहीं है। इस साल खिलाड़ियों काे खाना भी फ्रेंचाइजी का लॉजिस्टिक स्टाफ मुहैया करा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बबल के बाहर के किसी व्यक्ति का उनके साथ कोई संपर्क न हो। ग्राउंड स्टाफ को भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम-कानून का पालन करते हुए काम करने की मंजूरी दी गई है। ब्रॉडकास्टर ‘स्टार स्पोर्ट्स’ की फील्ड पर पहले 60 लोगों की मौजूदगी रहती थी, लेकिन इस साल दुबई में न के बराबर हो गई है। चाहे टॉस करने का समय हाे या फिर मैच के बाद प्रेजेंटेशन समारोह, खिलाड़ियों को कमेंटेटरों से दूरी बनाकर रहना पड़ रहा है। हम टीवी पर 7:30 बजे से मैच तो देखना शुरू कर देते हैं, लेकिन इसके पीछे की मेहनत और ऐहतियात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
आईपीएल शुरू हुए 20 दिन हो चुके पर अब तक डोप टेस्ट नहीं
आईपीएल-13 को शुरू हुए 20 से अधिक दिन बीत चुके हैं, लेकिन खिलाड़ियों का डोप टेस्ट शुरू नहीं हुआ है। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की टीम अब तक यूएई नहीं पहुंची है। नाडा के अधिकारियों को सरकार की ओर यूएई जाने की अनुमति का इंतजार है। लेकिन नाडा का यह तर्क ठीक नहीं है, क्योंकि खिलाड़ियों सहित लीग का पूरा मैनेजमेंट यूएई जा चुका है। अगले हफ्ते नाडा के अधिकारी यूएई जा सकते हैं। नाडा की ओर से पहले जानकारी दी गई थी कि जांच के 5 सेंटर बनाए जाएंगे और करीब 50 खिलाड़ियों का सैंपल लिया जाएगा। लेकिन बिना जांच के एक तिहाई टूर्नामेंट अब तक खेला जा चुका है।
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