कंगना रनोट ने हाल ही में सोशल मीडिया पर लगातार कई ट्वीट्स करते हुए बताया कि उनकी मां ने किस तरह एक दलित लड़की को गोद लिया था और उसका पालन पोषण अपनी अन्य बेटियों की तरह किया। कंगना के मुताबिक ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि कई लोग उन्हें लगातार दलित विरोधी बताते हुए देश में दलितों पर होने वाले अत्याचार की खबरें टैग कर रहे थे।
कंगना ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'प्रिय मित्रों, मैं देख रही हूं कि बहुत सारे लोगों ने मुझे दलितों पर होने वाले अत्याचार से जुड़ी खबरें टैग कर रहे हैं और कई ज्यादा समझदार लोग जो भारत को सिर्फ इन्हीं समाचारों के माध्यम से जानते हैं, वे आधुनिक भारत को लेकर मेरे विचार का मजाक उड़ाते हैं। ऐसे लोगों के लिए मैं अपने जीवन और मेरी बहन राजूदी जो इस फोटो में दुल्हन हैं, की कहानी साझा कर रही हूं।'
परिवार के खिलाफ दलित बच्ची को गोद लिया
अगले ट्वीट में कंगना ने लिखा, 'मेरी मां की नई-नई शादी हुई थी, गांव में मनसा नाम की एक दलित महिला की दुर्दशा देखकर उन्हें बहुत दुख पहुंचा। उसकी तीन लड़कियां थीं लेकिन आय का कोई स्रोत नहीं था, जिसके बाद ससुराल वालों की मर्जी के खिलाफ मेरी मां ने उस महिला की सबसे छोटी बच्ची राजकुमारी को गोद ले लिया, उसे स्कूल भेजा और फिर कॉलेज भी भेजा।'
##ऐसी बातें क्यों किसी खबर में नहीं दिखाई जातीं
आगे उन्होंने बताया, 'राजू दी हमारे साथ बड़ी हुईं और 21 साल की उम्र में मां ने उनकी शादी भूमि जीजू से कर दी। वे चंडीगढ़ में रहते हैं, इस सप्ताह उनके बेटे भानू की शादी हुई, जब मुझे उस जोड़े की प्यारी सी फोटोज मिलीं तो मेरी मां ने कहा कि लड़की ब्राह्मण है, ये कभी किसी समाचार में नहीं दिखाया जाएगा।'
##मैं आप पर भरोसा करती हूं तो आप मुझे झूठा क्यों कहते हैं?
आगे उन्होंने लिखा, 'दलितों के खिलाफ अत्याचार की जो बातें आप सभी मुझे टैग करते हैं, मैंने कभी उनका अनुभव नहीं किया, लेकिन फिर भी मैं आप पर भरोसा करती हूं, लेकिन जब मैं उस आधुनिक भारत को आपके साथ शेयर करती हूं, जिसे मेरी मां ने मुझे दिया है, तो मुझे झूठा कहने वाले आप कौन होते हैं? वैसे ये बच्चे एकसाथ बहुत अच्छे दिख रहे हैं, कृपया उन्हें आशीर्वाद दें।'
##कंगना बोलीं- वो हमारे साथ हमारे घर में रहती थीं
इसके बाद अपने अगले ट्वीट में कंगना ने कुछ बातों को स्पष्ट करते हुए लिखा, 'कुछ बातें स्पष्ट करना चाहती हूं, जिनसे पूरा गांव वाकिफ है, इन तथ्यों की पड़ताल की जा सकती है और लोगों का साक्षात्कार भी लिया जा सकता है।'
1) राजू दी हमारे घर में हमारी बहन की तरह रहती थीं।
2) शुरुआत में वे रसोई में मां की मदद करती थीं, अम्मा ने इसमें एक बड़ा काम ये किया कि राजू दी ने सभी को खाना परोसा था।
3) कुछ रिश्तेदारों ने मां के इस काम की निंदा भी की, लेकिन राजू दी के सामने किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई।
4) मैंने कभी रंगोली को दीदी नहीं कहा, लेकिन पापा ने ये सुनिश्चित किया था कि हम राजू दी को दीदी कहें।
5) रैंग्स और राजू दी बेडरुम को शेयर करते थे, जहां मुझे मेरी कम उम्र और गर्ल्स टॉक की वजह से जाने की अनुमति नहीं थी, ये वो भारत है जिसे मैं जानती हूं।
'मनसा मौसी हम बच्चों के लिए मां की तरह हैं'
अपने आखिरी ट्वीट में एक फोटो शेयर करते हुए कंगना ने लिखा, 'राजू दी की मां... हमारे पैतृक घर में मेरे साथ मनसा मौसी, वो मेरे लिए और घर के सभी बच्चों के लिए मां की तरह हैं, यही हमारे माता-पिता ने हमें सिखाया है, मैं इसे पूरे भारत में प्रोत्साहित करना चाहती हूं, ना कि उस क्रूर रूढ़िवादी भारत को जिसे लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए महिमामंडित करते रहते हैं।'
##कंगना ने कहा था आधुनिक भारत में कास्ट सिस्टम नहीं
कंगना को दलित अत्याचार से जुड़ी खबरें टैग करने का सिलसिला तब से शुरू हुआ, जब कुछ दिनों पहले अपने उन्होंने आधुनिक भारत में जातिवाद के नहीं होने और आरक्षण को खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने लिखा था, 'आधुनिक भारतीयों द्वारा जातिगत व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया गया है, छोटे शहरों में भी हर कोई ये जानता है कि अब ये कानून-व्यवस्था द्वारा बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। हालांकि कुछेक के लिए ये दुखद खुशी से ज्यादा कुछ भी नहीं है, केवल हमारा संविधान आरक्षण के मामले में इसे पकड़े हुए है, इसे जाने दो। आओ इस बारे में बात करते हैं।'
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