नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर जमानत याचिकाओं का विरोध किया है। एनसीबी ने कहा कि दोनों ने ड्रग्स की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दिया और वित्तीय मदद पहुंचाई। एजेंसी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा रिया चक्रवर्ती कोई मासूम नहीं बल्कि बेहद शातिर हैं। वह सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स के जाल में उलझाने के लिए ही उसके पास गई थी।
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की ओर से दायर जमानत याचिका पर 7 घंटे तक सुनवाई हुई। अदालत में सभी पक्षों का बयान रिकॉर्ड कर फैसाला सुरक्षित रख लिया गया है।
ड्रग्स रैकेट की एक्टिव मेंबर है रिया
जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि रिया चक्रवर्ती अपने होशो-हवास में और पूरी प्लानिंग से ड्रग्स का धंधा करती थी। वह एक ड्रग सिंडिकेट की एक्टिव मेंबर थीं, जिसमें हाई सोसायटी के कई जाने-माने लोग और ड्रग सप्लायर्स शामिल रहे हैं। एनसीबी ने कहा है कि ड्रग का सेवन करने के मामले में रिया चक्रवर्ती दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को बढ़ावा देने की आरोपी हैं। रिया ने ही सुशांत को ड्रग्स की लत लगाई थी।
सुशांत के साथ रहकर दिया गया उसे धोखा
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक 'एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सम्पूर्ण परिदृश्य को देखते हुए यह सामने आता है कि रिया चक्रवर्ती इस बात से अवगत थीं कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग का सेवन करते थे और इस दौरान न केवल उन्हें ऐसा करने का बढ़ावा दिया गया बल्कि उनसे पूरी बात भी छिपाई गई।'
सुशांत के खिलाफ आपराधिक साजिश
एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती को शातिर अपराधी मानते हुए उसकी जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उनके खिलाफ ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वह ड्रग ट्रैफिकिंग में शामिल रही हैं। एनसीबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक आपराधिक साजिश के तहत रिया ने ड्रग्स के लेन-देन के लिए अन्य अभियुक्तों का समर्थन किया, उन्हें ऐसा करने के लिए बढ़ावा दिया और पैसे से भी उनकी मदद कीं।
रिया ने भी अदालत में किया है स्वीकार
एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में रिया ने बयान दिया है कि उन्होंने सैमुएल मिरांडा और दीपेश सावंत को उन ड्रग्स के पैसे चुकाए हैं, जिन्हें बाद में सुशांत को सेवन के लिए दिया गया। एनसीबी ने कहा कि यह साफ है कि जिन ड्रग्स के लिए पैसे चुकाए गए थे, वे निजी उपयोग के लिए नहीं थे बल्कि ऐसा किसी और को इनकी आपूर्ति कराए जाने के लिए किया गया और यह एनडीपीएस 1985 की धारा 27ए के तहत आता है।
रिया छूटी तो सबूत नष्ट होंगे
एनसीबी ने एक हलफनामे में कहा है कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और अगर इस वक्त रिया को जमानत मिल जाती है, तो इससे छानबीन बाधित होगी. एनसीबी ने कहा कि रिया मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल रही है, यह साबित करने के लिए कई सबूत हैं। वह ड्रग पहुंचाने के काम में न सिर्फ मदद देती थीं बल्कि क्रेडिट कार्ड, नकद और ऐसे ही कई माध्यमों से इनका भुगतान भी करती थीं।
एजेंसी ने आगे कहा कि रिया ने अपने घर पर ड्रग्स को रखने और सुशांत को सेवन करने की भी अनुमति दी। एनसीबी ने कहा कि यह मामला अब एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट) के तहत भी आता है और इसलिए इस पर अब इनका भी अधिकार है।
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